डीजी साहब! रेलवे बोर्ड के आदेश को एसईसीआर में इंस्पेक्टर का गोदाम घोषित कर दिया गया

प्रतीक चौहान. रायपुर. तृप्ता के डीजी के सहयोगी मनोज यादव ने बल मंडल के पदों पर अपनी च्वाइस के अनुसार बताई गई बातों का हवाला देते हुए पद छोड़ने की बात कही थी। यही वजह है कि पिछले कुछ दिनों से देश के तीमारदारों के रेल मंडलों में तीजों की झांकियां गूंज रही हैं। लेकिन दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन में ये फॉर्मूला चंद अपनो पर दिखा।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन में पिछले दिनों तबादलों में एक इंस्पेक्टर को फिर से बहाल किया गया था, 12 साल पहले ही पोस्ट किया गया था जहां वे इंस्पेक्टर रह चुके हैं। यानी रेलवे बोर्ड के आदेश को मंजूरी देकर ये शेयर उड़ाया गया.

हम बात कर रहे हैं जांजगीर-चांपा की। यहां वर्ष 2012 दिसंबर से मार्च 2014 तक जो भी इंस्पेक्टर थे उन्हें यहां फिर से यहां पर इंस्पैक्टर इंप्रजेंट पोस्ट किया गया है।

अब की बात ये है कि पहले मूर्तिकारों की फाइलें क्यों गायब हो गईं? क्या इंस्पेक्टरों की च्वाइस का ध्यान नहीं रखा गया?

जबकि च्वाइस विवरण के बाद बंद करें महीने बाद यह स्थान सूची जारी की गई है। इंस्पेक्टरों की लिस्ट के बाद 3 बबुओं के भी तबादले की खबर है। विभाग में चर्चा है कि वे ठीक से काम नहीं कर रहे थे इसलिए उनका बचपन छूट गया। पुरानी बात ये है कि उन्हें तबडले के साथ औषधि भी दी गई।

18 मार्च 2024 का ऑर्डर (पेज नंबर 5 प्वाइंट नंबर 8)