पतंजलि विज्ञापन मामला: सुप्रीम कोर्ट में बाबा रामदेव ने फिर दी छूट, बोले- हमें कानून का ज्ञान कम, कोर्ट ने कहा- आप इतने भी निर्दोष नहीं

नई दिल्ली पतंजलि एडवरटाइजिंग केस: नरकटियाल विज्ञापन केस में आज मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट (सुप्रीम कोर्ट) में सुनवाई हुई। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज फिर योग गुरु बाबा रामदेव (बाबा रामदेव) और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के प्रबंध निदेशक बालकृष्ण (बालकृष्ण) को हिरासत में ले लिया। कोर्ट में बाबा को एक बार फिर से माफ़ी की छूट दी गई। वहीं कहा कि हमें कानून का ज्ञान कम है। उत्साह हमें दिखाई दिया। हम सार्वजानिक मालदीव के लिए तैयार हैं। वहीं इस सर्वोच्च अदालत ने कहा कि आप तीनों भी मासूम नहीं हैं। आपको हर कानून की जानकारी है। केस की सुनवाई जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमान सूद की बेंच ने की।

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न्यायमूर्ति कोहली ने बाबा निर्माता से पूछा कि क्या आपने जो अदालत में काम किया है वह सही है? इस पर उनके बाबा निर्माता ने कहा कि जज साहिबा, हमसे इतना कहना है कि जो हमसे भूल हुआ है उसके लिए हमने बिना शर्त माफ़ी स्वीकार कर लिया है।

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जस्टिस कोहली ने कहा कि यह तो आपके वकील ने कहा है। हम जानना चाहते हैं कि आप अगले दिन अंडरटेकिंग के बारे में क्या सोचेंगे। हमारे देश में आयुर्वेद बहुत प्राचीन है। महर्षि चरक के समय से है। दादी नानी भी करती हैं घरेलू इलाज। आपको अन्य कार्यवाहियों को बुरा क्यों लगता है। क्या एक ही कार्यविधि रहनी चाहिए।

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जस्टिस कोहली ने कहा कि आपने क्या सोचा कि आप प्रेस कॉन्फ्रेंस और प्रचार करेंगे? जिस चीज़ का आप प्रचार कर रहे हैं, हमारी संस्कृति में ऐसी कई चीज़ें हैं। लोग सिर्फ ऐलपैथी नहीं, घरेलू औषधियां भी इस्तेमाल कर रहे हैं। नानी के नुस्खे भी। आप अपनी पद्यतिओं के लिए नोट्स को ख़राब क्यों कह रहे हैं। इस पर बाबा निर्माता ने कहा था- किसी को भी बुरी टिप्पणी का हमारा कोई इरादा नहीं था। आयुर्वेद को रिसर्च बेस्ड एविडेंस के लिए तथ्य पर सामने लाने के लिए पतंजलि ने प्रयास किया है। आगे से इसके प्रति वैज्ञानिक सिद्धांत। कार्य के उत्साह में ऐसा हो गया। आगे से नहीं होगा।ओडिशा विधानसभा चुनाव 2024: ओडिशा विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने जारी की 21 आदिवासियों की सूची, देखें किसे कहां से मिला टिकट

अगला परीक्षण 23 अप्रैल को

बाबा व्यापारी और बालकृष्ण के वकील रोहतगी ने कहा कि 1 हफ्ते का समय दो। इस बीच हम कदम उठाएंगे। इस पर जस्टिस कोहली ने कहा कि ठीक है, हम 23 अप्रैल को सुनेंगे।