छत्तीसगढ़ में भी 12वीं बोर्ड की परीक्षा रद्द करने की मांग, शाला शिक्षक संघ ने बच्चों के साथ शिक्षकों के लिए बताया खतरा

सीबीएसई (CBSE) के साथ देश के अन्य राज्यों के 12वीं बोर्ड की परीक्षा रद्द करने के साथ छत्तीसगढ़ में भी इसी तरह की कवायद की मांग उठने लगी है. शाला शिक्षक संघ ने शिक्षा मंत्री के साथ सचिव शिक्षा संचालन से 12वीं की परीक्षा को रद्द करने की मांग की है.

शाला शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने कहा कि देश में सीबीएसई ने 12वीं बोर्ड की परीक्षा रद्द कर दी है. हमारे पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में भी परीक्षा रद्द की जा चुकी है, लेकिन छत्तीसगढ़ में परीक्षा फ़्रॉम होम लिया जा रहा है, जिसका हम विरोध करते हैं. हमारी माँग है कि अन्य राज्यों की भाँति छत्तीसगढ़ में भी 12वीं बोर्ड की परीक्षा रद्द कर दी जाए. इससे बच्चे भी सुरक्षित रहेंगे और शिक्षक भी.

उन्होंने कहा कि शिक्षक इसलिए सुरक्षित रहेंगे, क्योंकि प्रदेश भर 2 लाख 86 हज़ार से ज्यादा विद्यार्थी परीक्षा दे रहे हैं, और अब किसके घर में कौन संक्रमित है, यह कहा नहीं जा सकता है. उत्तर पुस्तिका में भी संक्रमण रहने की आशंका है. इसके साथ उन्होंने एक विदेशी रिसर्च का हवाला दिया, जिसमें कोरोना का संक्रमण 15 दिन तक बरकरार रहने की बात कही गई है.

वीरेंद्र दुबे ने कहा कि वैसे भी कोरोना की तीसरी लहर को बच्चों के ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है. इस दृष्टि से भी परीक्षा लेना उचित नहीं है, क्योंकि एक साथ भारी संख्या में विद्यार्थी परीक्षा दे रहे हैं. उत्तर पुस्तिका और प्रश्न पत्र लेने और जमा करने के लिए विद्यार्थी पहुंच रहे हैं, ऐसे में थोड़ी सी चूक बच्चों को संक्रमित कर सकता है. ऐसे में बेहतर है कि परीक्षा को रोक दिया जाए.