- 13 Aug 2018
- User
- Editorial
- Comments: 0
कांग्रेस और अलगाववादियों तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के ठेकेदारों द्वारा राष्ट्रगान का अपमान क्यों किया जा रहा है? इसकी चर्चा करने के पूर्व ५६ इंच और ५२ इंच का अंतर बताना भी उचित रहेगा।
राहुल गांधी और कांग्रेस प्राय: पीएम मोदी पर टिप्पणी करने के समय उनके ५६ इंच के सीने को बताना आवश्यक हो जाता है। ५६ इंच और ५२ इंच में अंतर ४ इंच का नहीं परंतु और कुछ है?
राहुल गांधी जबसे कांग्रेस में सक्रिय हुए हैं तबसे कांग्रेस का कद ५२ इंच के एक ठिंगने व्यक्ति जैसा हो गया है। वामपंथी पार्टियां भी इंदिरा गांधी के समय से कांग्रेस के विशेष रूप से निकट आई हैं तभी से उनका कद भी ठिंगना हो गया है। अब वे केरल तक ही विशेषकर की सीमित हैं।
कांग्रेस और वामपंथियों तथा अन्य अलगावादी, अवसरवादी बाहरी देशों के इशारे पर खेलने वाली पार्टियों तथा उनके नेताओं द्वारा राष्ट्रगान का अपमान किये जाने का कारण उनका राष्ट्रवाद के प्रति विरोध भी है।
७ सितंबर २००६ को वंदे मातरम शताब्दी समारोह का आयोजन कांगे्रस के ही उस समय के मानव संसाधन मंत्री अर्जुन सिंह ने ही किया था। उस समय मुस्लिम तुष्टिकरण के वशीभूत होकर उस समय के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी जानबूझकर संसद से अनुपस्थित रहे थे।
वामपंथी प्रभावित जेएनयू तथा अन्य शिक्षण संस्थाओं में राष्ट्रगान और वंदेमातरम का विरोध होते रहा है। यहॉ तक की राष्ट्रध्वज फहराने का भी विरोध हुआ है।
यही विरोध हमें अलगाववादी तत्वों द्वारा कश्मीर तथा अन्य जगह पर देखने को मिलते रहा है। महबूबा मुफ्ती ने तो कुछ समय पूर्व यह भी धमकी दी थी कि धारा ३७० हटाई गई तो कश्मीर में तिरंगा ध्वज उठाने वाला भी कोई नहीं मिलेगा।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस साल के अंत में शुरू हो रहे विधानसभा चुनावों के लिए राजस्थान में कांग्रेस का चुनावी शंखनाद कर दिया है. जिसके तहत उन्होंने जयपुर में शनिवार को एक बड़ा रैली को संबोधित किया. लेकिन इस रैली में उस वक्त विवाद उपज गया।
अलगाववादी तत्वों को खुश करने के लिये कांग्रेस राष्ट्रगान का अपमान करने की अभ्यस्त हो गई है।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दरमियान एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने वंदेमातरम को एक लाइन में खत्म करने का आदेश रैली के आयोजक कांग्रेस के नेताओं को दिया था।
जब वहां पर राष्ट्रगान बज रहा था. राष्ट्रगान बजते समय राहुल गांधी, सचिन पायलट और अशोक गहलोत ने राष्ट्रगान की ओर ध्यान ही नहीं दिया और किस बात को लेकर ठहाके लगाते हुए दिखाई दिए और दूसरी तरफ राष्ट्रगान चलता रहा.
पिछले वर्ष भी सोशल मी़डिया में एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें राजस्थान कांग्रेस सेवा दल कार्यकर्ता बैठकर राष्ट्रगान गा रहे थे।
जुलाई के प्रथम सप्ताह में जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर से कुछ ऐसी तस्वीरें आई जिन्हें देखकर आपको गुस्सा आ जाएगा. ये तस्वीरें श्रीनगर में मौजूद सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ कश्मीर के दीक्षांत समारोह की थी… जहां राष्ट्रगान बजाया गया. लेकिन वहां राष्ट्रगान का घोर अपमान हुआ . राष्ट्रगान बजता रहा, और बहुत सारे छात्र आराम से बैठे रहे।
राष्ट्र के प्रतीकों का इसी प्रकार से अपमान किये जाने के कारण ही कांग्रेस के एक नेता ने हमारे आर्मी चीफ को सड़क का गुंडा तक कह डाला था। कांग्रेस तथा अन्य कुछ पार्टियों ने सर्जिकल स्ट्राइक पर भी प्रश्र चिन्ह लगाये थे।
दो दिन उपरांत १५ अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहे हैं। इस अवसर पर गोल्ड मेडलिस्ट हिमा दास का स्मरण सहसा हो रहा है.